Saturday, July 14, 2012

तवाज़ुन.....


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रह सकता है
तैरता हुआ 
हल्का फुल्का 
तिनका 
उछलती कूदती
मदमाती  
लहरों पर,
नहीं होता उसे 
कोई खौफ 
डूब जाने का,
सच है
नहीं है जो 
भारी
कर सकता है
हासिल
वही तो  
एक मुकम्मल 
तवाज़ुन..... 

(मुकम्मल=पूर्ण, तवाज़ुन=संतुलन)

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