Tuesday, July 24, 2012

बहता पानी..


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बहता 
पानी
खूब 
रवानी,
पड़ा सामने 
खड्ड,
नहीं रुका 
दरिया, 
भरा 
खोखलापन 
उसका,
गया आगे 
वह 
बढ़, 
हर गिरावट ने
बढा दी 
उसकी 
रफ़्तार
डाल मौजों की 
गलबहियां
किया 
समंदर ने
उसको 
खुद में 
शुमार.. 

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