Thursday, July 23, 2009

ताक़त रोशनी की...

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विशालकाय
अँधेरा
जो बड़ा है
हाथी से भी,
दबा नहीं
सकता
चींटी सी
पतली
शमह की
लौ को,
एक नन्ही सी
सच्चाई
हरा सकती है
झूठ के
करोड़ों सौ को...

1 comment:

  1. nice one ...ye kshanikayen chhoti zaroor hai par bahut hi paripakv!!!!!!!!!

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