Friday, June 18, 2010

दूध और विष...

(मधु संचय सीरीज-जून २०१० अंक)

# # #
सुझाव
सार्थक,
मूढमति को
कर सकते
नहीं कदापि
शांत,
करेंगे
तप्त उसको
प्रत्युत,
कराएँ
यदि
दुग्धानुपान
सर्प को
मित्रों !
होगा
विष
केवल
उत्पत...

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