Tuesday, December 29, 2009

वृध्दावस्था : पैगाम ३५ से ५० की उम्र वालों को

( बुढापे के लिए अग्रिम योजना बनायें....यह तो ऐसा बिंदु है जहाँ बांटने का मौका मिलता है कोसने का नहीं.)

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ज़ज्बात और
रिश्ते
अक्ल-ओ-फ़ित्रत की
बातें हैं
लेने देने के
सौदे नहीं.....

ख़ुशी-ओ-सुकून
जो हो निर्भर
औरों पर
जंजाल है जी के
दिल की बातें नहीं......

जीना है गर
सिर उठा के
तन-मन-धन को
होगा संभालना
माकूल
वक़्त पर,
बुढ़ापा एक
हकीकत है
हादसा नहीं.....

हर
वृद्ध आश्रम हो
मंदिर
इंसानियत का
मस्जिद
तुज़ुर्बों की
गिरजा
मोहब्बत का,
मजबूरी की
दास्तानें नहीं,
बातें हो
दूरंदेशी की
अश्कों के
फ़साने नहीं.....

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