Sunday, August 16, 2009

निर्वात/Nirvaat

बहुत जी ली है
जग की परिभाषाएं
जी लूंगी और भी,
सोच ना पाई थी
कभी
स्वयं को...
जिंदगी की
आपाधापी में,
होता रहा
महसूस
एक निर्वात सा,
स्पर्श तुम्हारे ने
बिन छुए ही
छू लिया
मेरे सत्त्व को
बढ़ गयी है
तड़फ
बदलने
निर्वात को
संपूर्णता में
शून्यता में..............

निर्वात=Vaccum (in the sense of Physics), शून्यता = Emptiness, void (in the sense of philosophy/spirituality), सत्त्व=Essence सम्पूर्णता=wholeness.

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