Sunday, April 25, 2010

अज्ञात-ज्ञात : "महकती प्रीत सीरीज"

मेरी फ्रेंड प्रीती और मैंने सांझा प्रयास किया है., टी. एस. इलियट की कृतियों को जो भारतीय मानस के करीब है, थोडा रूपांतरित कर के आप से शेयर करने का.

हाँ प्रीती अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स कर रही है, भावुक और दार्शनिक प्रकृति की है...शिक्षाविद होने के नाते उसे मानव मन कि अच्छी पहचान है..शब्दों पर भी अच्छा अधिकार है, मुझे आप जानते पहचानते ही हैं. हम दोनों को इस प्रकल्प में बहुत आनन्द मिल रहा है.

श्रृंखला का नाम है "महकती प्रीत सीरीज"।

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अज्ञात-ज्ञात : "महकती प्रीत सीरीज"

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है तुम्हे अज्ञात
बस है वही
तुम्हारा ज्ञात,

स्वामित्व नहीं
जिसपर तेरा
तुम हो स्वामी
उसके,

तुम तो हो वहीँ
जहाँ तुम नहीं......

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So wrote, T.S. Eliot :

"And What you do not know is the only thing you know
And what you own is what you do not own
And where you are is where you are not."
(East Coker -Section III)

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