Sunday, October 16, 2011

पैमाने परख के ....

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कुम्हार आया
लेकर घड़ा,
मूंद कर आँख एक,
झाँका खरीदार ने
भीतर घट के,
आया नज़र
सूराख एक
नन्हा सा,
कह दिया
घड़ा है बेकार....

आया लोहार
लेकर चलनी,
हुआ खुश ग्राहक
देख कर
छेद है बहुत,
छनेगा अच्छा ,
कितनी अच्छी है
चलनी.....

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