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Tuesday, May 17, 2011
मेरी मां.....
(शिवम् रचित)
# # #
मां तू कितनी अच्छी है,
मेरा सब कुछ करती है !
भूख मुझे जब लगती है,
खाना मुझे खिलाती है !
खेल कर मैला होता हूँ,
रोज मुझे नहलाती है !
जब मैं रोने लगता हूँ,
चुप तू मुझे कराती है !
मां मेरे मित्रों में सबसे
पहले तू ही आती है !
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