Friday, February 26, 2010

दिनरात (९) : दिन की रोटी

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तवा अँधेरा,
सितारे अंगारे,
आसमां है
अंगीठी
वक़्त
सेक रहा
उस पर
जैसे
दिन की
महकती
रोटी........

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