Sunday, May 6, 2012

कथनी और करनी.......(३)


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मैं तो दिल का बच्चा हूँ
बिलकुल सहज और सच्चा हूँ  
दो शीशे हैं रखे 
खिलौनों में मेरे, 
दिखता है एक से 
हर बड़ा नन्हा सा, 
देखा करता हूँ उस से 
गलतियाँ और गुनाह मेरे,
और दूसरा है 
मोटे से पेट वाला
दिखता है जिस से 
'कन' भी 'मन' सा*
किया करता हूँ 
इस्तेमाल उसका 
देखने को 
छेद और कमियाँ 
औरों की....

*(१.कन अर्थात कण, २. मन=वजन की मात्रा ४० सेर याने लगभग ३७ किलोग्राम)

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