Monday, May 21, 2012

हर घुमाव पर..


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चलती है नदी
मिलने समंदर से 
लिए ज़ज्बा 
बनने का 
धीर वीर गंभीर,
मगर 
पहुँच कर 
हर घुमाव पर
देखने लगती है
मुड कर
आ रही है या नहीं
नटखट लहरें ....

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