Tuesday, July 3, 2012

उदार स्नेह


# # # 
लगा कर तिलक 
लौ का
किया था 
स्वागत
दीये ने 
अँधेरे का,
देखो 
दीपक के   
उदार स्नेह  ने 
कर दिया था 
रंग फीका
मावस के 
चेहरे का..

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