Wednesday, December 7, 2011

तन-मन...

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फूल को नहीं
आभास महक का,
खार को नहीं
एहसास चुभन का,
फल नहीं जानता
जायका रस का,
इल्म जो भी है
वह है
हमारे तन-मन का...

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