Friday, June 1, 2012

मा' बूदियत आइने की........

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मेहमानवाजी
लिपे पुते हुस्न की
कर देती है
नापाक
मा' बूदियत  
आइने की,
झूठ
बन कर पैरौ  
कर देता है बर्बाद  
तौकीर
सच जीए जाने की....

(मा' बूदियत =दिव्यता, पैरौ=अनुयाई/follower , तौकीर=प्रतिष्ठा)

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