Thursday, March 25, 2010

जब तू नहीं था....

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जब
तू नहीं था,
थी दिशाहीन
यह ज़िन्दगी मेरी,
तेरे एक
साथ होने से
हुए हैं
सुगम
पथ मेरे.....

शब्द
गीतों के मेरे
प्राणमय,
इंगित
तेरे से है,
मुखर से
मुखड़े अंतरे,
बिम्ब है
प्रेम के
तेरे...

मौन
मेरा हो
या तेरा,
वक़्त की
एक
ज़रुरत है,
चर्चाएँ
गर्म हो आई,
हुए
इज़हार ,
कुछ मेरे
कि कुछ तेरे....

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