Sunday, October 4, 2009

दाने/Daane.......

..

गढ़ता है कुम्हार
माटी से
मूरत लक्ष्मी की
हो सके मुहैय्या
रोटी के लिए
चन्द दाने
जानता है वो
बरसेंगे
इसी मूरत पर
मेवे और मखाने......

gadhta hai kumhar
maati se
murat lakshmi ki
ho sake muhaiyya
toti ke liye
chand daane
janta hai wo
barsenge
isi murat par
meve aur makhaane......

No comments:

Post a Comment