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पवन ने
लिख दिए
लेखे
हमारे
भाग्य के,
मिले थे मुझको
अंधड़,
भाग
उनके में था
बसंत आया,
बहुत कुछ
रह गया था
अनकहा,
मिली थी
खुशियाँ
उनको,
सागर
दर्द का था
मुझमें लहराया......
(यह थोड़ी अलग तरह की अभिव्यक्ति है...किसी के गम सुनते सुनते सोचा खुद को उसकी जगह रखूं और कुछ लिखूं...आशा है यह नया प्रयास आपको पसंद आएगा)
पवन ने
लिख दिए
लेखे
हमारे
भाग्य के,
मिले थे मुझको
अंधड़,
भाग
उनके में था
बसंत आया,
बहुत कुछ
रह गया था
अनकहा,
मिली थी
खुशियाँ
उनको,
सागर
दर्द का था
मुझमें लहराया......
(यह थोड़ी अलग तरह की अभिव्यक्ति है...किसी के गम सुनते सुनते सोचा खुद को उसकी जगह रखूं और कुछ लिखूं...आशा है यह नया प्रयास आपको पसंद आएगा)
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