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नहीं है
बिना युग्म
कुछ भी
ब्रहमांड में......
यह द्वैत ही है
कारण
इस सृष्टि के
सृजन का....
किन्तु
है इसका
एक अपवाद भी:
"मुक्त आत्मा" !
जो
होती है
अकेली
स्थिर
स्वयं में .......
Nahin hai
Bina yugm
Kuchh bhi
Brahamand men....
Yah dwait hi
Karan hai
Srishti ke
Srijan ka.....
Kintu hai iska
Aek apvaad bhi :
"Mukt Atma" !
Jo
Hoti hai
Akeli
Sthir
Swayam men....
नहीं है
बिना युग्म
कुछ भी
ब्रहमांड में......
यह द्वैत ही है
कारण
इस सृष्टि के
सृजन का....
किन्तु
है इसका
एक अपवाद भी:
"मुक्त आत्मा" !
जो
होती है
अकेली
स्थिर
स्वयं में .......
Nahin hai
Bina yugm
Kuchh bhi
Brahamand men....
Yah dwait hi
Karan hai
Srishti ke
Srijan ka.....
Kintu hai iska
Aek apvaad bhi :
"Mukt Atma" !
Jo
Hoti hai
Akeli
Sthir
Swayam men....
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