Sunday, May 30, 2010

झूठ और सांच

बीच चौराहे
खड़ा है
बहु मंजिला
महल झूठ का
विशाल द्वार में
जिसके
समां सकता है
हाथी
संग महावत के,
गाँव किनारे है
एक छोटी सी
पर्ण कुटीर
सांच की
जिसमें
चैतन्य मानव
करता है
प्रवेश
मस्तक
नवा कर...

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