Thursday, August 27, 2009

अनायास/Anaayas.........

स्वर्णिम
चिंगारी
बीज है
अग्नि-पुरुष का,
स्पर्श हुआ..........
आलिंगन हुआ ......
हुई थी
अनायास
प्रकाश कि उत्पति
किन्तु
अनजाने में
अनायास
गर्वोन्मत्त हो गयी थी
व्यर्थ में
भोलीभाली
भ्रमित सी
बाती.........................

Swaranim
Chingaari
Beej hai
Agni-purush ka,
Sparsh hua.......
Aalingan hua......
Hui thi
Anaayas
Prakash kee utpati
Kintu
Anjane men
Anayas
Garvanoamatt ho gayi thi
Vyarth men
Bholibhali
Bhramit si
Baati.......................

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