Friday, August 14, 2009

यहाँ भी-वहां भी........

हीर राँझा
शीरीं फरहाद
लैला मजनूं
सोहनी माहिवाल की
मोहब्बत को
गाया जाता है
यहाँ भी
वहां भी.........

उर्दू सी मीठी जुबान
ग़ालिब के शे'र
मीर की ग़ज़ल
बुल्लेशाह का तराना
खुसरो के नगमे
ठुमरी दादरा
नातें कव्वाली
एक से हैं
यहाँ भी
वहां भी...........

काली दाल
तंदूर की नान
सरसों का साग
मकई कि रोटी
अवधी बिरयानी
मुगलई पकवान
जायेका देते हैं
यहां भी
वहां भी......

अम्मी का लाड़
अब्बा की डांट
भाभी की प्यार भरी च्यूंटी
देवर की ठिठोली
सास ननद की बातें
पड़ोसी की ताका झांकी
हमसाया की मददगारी
यारों कि यारी
बारात के हंगामे
बिटिया की आंशुभरी विदाई
रिश्ते-नातों की खुशियाँ
नाते-रिश्तों के दर्द
समाये हैं ज़िन्दगी में
यहाँ भी
वहां भी...........

इन्त्ज़ामियां की ज्यादती
सिफारिश और घूसखोरी
लुकाव-छुपाव-दुराव
दोगली सियासत
शोर्ट कट का ज़ज्बा
झूठ और फरेब की बातें
अमीर गरीब के दरमियाँ खाई
लीडरों की बेवफाई
कमोबेश
यहाँ भी है
वहां भी.....................

फर्क कुछ नहीं
काट रही है
नयी पौध
फसलें ज़हर की
बोये थे बीज जिस के
सियासतदानों ने
फिरकापरस्तों ने
कोई बासठ साल पहिले
यहाँ भी
वहां भी.........

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