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लगी कहने
शम्मा :
मेरे महबूब
मेरे अज़ीज़
मेरे डोरे !
किन्ना प्यार
करूँ हूँ
मैं तौ से,
देखो ना
बसाया है
तौ को
भीतर अपने....
भुक्तभोगी डोरा
मिमियाया :
बतिया तो नीमिन तोहार,
ऐ मेरी शम्मो !
ऐ मेरी मल्का !
जलूं हूँ
तब ही तो
मैं
तिल तिल के...
Friday, October 15, 2010
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