Sunday, October 17, 2010

किरकिरी...

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नहीं थकी थी
आँख
दुनिया के
दोषों को
देखते
देखते,
हुई थी
किरकिरी को
उत्सुकता,
करली थी
उसने
एक 'अन प्लान्ड विजिट'
आँख की,
करने
निरीक्षण
एवम
प्रयवेक्षण
उसकी क्षमता का,
आँख हो गयी थी
लालम-लाल
गुस्से में,
किन्तु छोटी सी
किरकरी
डरती क्यों ?
आखिर में
रोने लगी थी
सर्वशक्तिमान आँख
होकर
परेशान,
तब छोड़ा था
पीछा उसका,
उस धूल के
नन्हे से
कण ने...

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