# # #
'मोरिया'
बनाता है
भक्षण
भुजंग को,
नहीं मारता
विष किन्तु
उसके
अंग प्रत्यंग को,
मानव के
स्वभाव में
भरा है
अविश्वास,
शिव-सत्य
प्रतिपादन हेतु,
बनाया प्रभु ने
मयूर
मनोहरी
नीलकंठ को....
(बीजू दी के प्रोफाइल में पोस्टेड फोटोज में एक चित्र राजस्थान में नृत्य करते हुए मोर का था, उसे देख कर यह कविता उपजी.)
Tuesday, April 6, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment