# # #
फूलों से
मधु रस
चुराने वाले
भ्रमर दीवाने
तोहे
मैं प्यार करती....
छींके पे
राखी
नवनीत हांड़ी,
माखन-चोर चटोरे
तोहे
मैं प्यार करती...
श्री राधिकाजी का
ह्रदय चुराया,
हे चितचोर बाँके
तोहे
मैं प्यार करती...
सूरज से
चुरायी
रश्मियाँ
रोशनी की,
शशि शीतल सलोने
तोहे
मैं प्यार करती....
चैन चुराया
मेरी नींदिया चुरायी
परदेशी रसिया
तोहे
मैं प्यार करती....
चोरी बुरी है
सब कोई कहते,
चोरों के राजा
तोहे
मैं प्यार करती.....
फूलों से
मधु रस
चुराने वाले
भ्रमर दीवाने
तोहे
मैं प्यार करती....
छींके पे
राखी
नवनीत हांड़ी,
माखन-चोर चटोरे
तोहे
मैं प्यार करती...
श्री राधिकाजी का
ह्रदय चुराया,
हे चितचोर बाँके
तोहे
मैं प्यार करती...
सूरज से
चुरायी
रश्मियाँ
रोशनी की,
शशि शीतल सलोने
तोहे
मैं प्यार करती....
चैन चुराया
मेरी नींदिया चुरायी
परदेशी रसिया
तोहे
मैं प्यार करती....
चोरी बुरी है
सब कोई कहते,
चोरों के राजा
तोहे
मैं प्यार करती.....
No comments:
Post a Comment