(इस रचना के बाद प्रीती और मैंने तय किया कि एक साथ मिल कर यह सीरीज लिखेंगे)
# # #
जल प्रपात
अथवा
संगीत
अभिश्रुत
गहन
किन्तु
है सर्वथा
अश्रुत,
तथापि
धुन के संग
स्वयं
तुम हो
संगीत...
______________________
यह कविता टी. एस. इलियट की कुछ पंक्तियों का रूपांतर है, इसे भावानुवाद कह सकते हैं एक्जेक्ट अनुवाद नहीं..मूल पंक्तियाँ है :
"Or the waterfall, or music heard so deeply
That is not heard at all, but you are the music
While the music lasts."
The mystic experience of listening to unheard music is a unique experience where you yourself become music. It has been described by Indian mystics to be 'anhad naad' 'अनहद नाद' or soundless music.
जल प्रपात
अथवा
संगीत
अभिश्रुत
गहन
किन्तु
है सर्वथा
अश्रुत,
तथापि
धुन के संग
स्वयं
तुम हो
संगीत...
______________________
यह कविता टी. एस. इलियट की कुछ पंक्तियों का रूपांतर है, इसे भावानुवाद कह सकते हैं एक्जेक्ट अनुवाद नहीं..मूल पंक्तियाँ है :
"Or the waterfall, or music heard so deeply
That is not heard at all, but you are the music
While the music lasts."
The mystic experience of listening to unheard music is a unique experience where you yourself become music. It has been described by Indian mystics to be 'anhad naad' 'अनहद नाद' or soundless music.
No comments:
Post a Comment