Saturday, April 17, 2010

कद्रदान.....

# # #
देखो
चले आये
दूर दूर से
काफिले
भंवरों के'
गाते
गुनगुनाते
गुंजार करते
करके महसूस
फूलों की
महक को,
अफ़सोस
आस-पड़ोस के
कांटे
पड़े हैं
गाफिल,
बेखबर
नजदीक की
खुशबू से…………

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