Wednesday, March 3, 2010

एक तेरी मुस्कान....

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थकन हर लेती
प्राण भर देती
दुनिया बदल देती
एक तेरी मुस्कान !

तपिश में ठंडक
सहरा में छांव
बेघर को गाँव
बन जाती
एक तेरी मुस्कान !

पाचों नमाज़
पूजा और संध्या
प्रभु से प्रार्थना
अस्तित्व की आराधना
बन जाती
एक तेरी मुस्कान !

महफ़िल का आगाज़
संगीत का साज़
गायक की आवाज़
हो जाती
एक तेरी मुस्कान !

ह्रदय की अपेक्षा
जीवन की प्रतीक्षा
भटके हुए की दिशा
होती है
एक तेरी मुस्कान !

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