# # #
थकन हर लेती
प्राण भर देती
दुनिया बदल देती
एक तेरी मुस्कान !
तपिश में ठंडक
सहरा में छांव
बेघर को गाँव
बन जाती
एक तेरी मुस्कान !
पाचों नमाज़
पूजा और संध्या
प्रभु से प्रार्थना
अस्तित्व की आराधना
बन जाती
एक तेरी मुस्कान !
महफ़िल का आगाज़
संगीत का साज़
गायक की आवाज़
हो जाती
एक तेरी मुस्कान !
ह्रदय की अपेक्षा
जीवन की प्रतीक्षा
भटके हुए की दिशा
होती है
एक तेरी मुस्कान !
Wednesday, March 3, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment