Sunday, September 27, 2009

इत्ती सी बात/Itti Si baat ............

..

दिन होता है
आँख
सूरज की
होती रात है
पीठ
मानव
तथापि
लखता
विभेद कर
बन
अनजान
और
ढीठ...........

बिना सोचे समझे
इत्ती सी बात को
कर देता वह अलग
दिन और रात को..........

din hota hai
aankh
suraj ki
raat hoti hai
peeth
manav
tathapi
lakhta
vibhed kar
ban anjan
aur dheeth.........

bina soche samjhe
itti si baat ko
kar deta alag wah
din aur raat ko.........

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