Sunday, September 20, 2009

पहचान........Pahchaan.......

...
रूठ कर
शज़र से
कली ने जब
फूला लिए थे गाल*,
पहचान लिया
लम्पट पवन ने,
होना है अब
जुदा इसको
अपने सनम से.......

(*कली का फूल बन जाना-प्रतीक है गुरूर आ जाने से)

Rooth kar
Shazar se
kali ne jab
Phoola liye the gaal,(*)
Pahchan liya
Lampat pawan ne
Hona hai ab
Juda isko
Apne sanam se........

(*kali ka phool ban jana-prateek hai gurur aa jane se)

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