..
नहीं बजाती हूँ मैं
बजा रहा है मुझे
यह सितार
जुड़ गयी है
मेरी चेतना से
यह झंकार
जैसे दीपक की
बाती से
जगमग लौ..........
स्पर्श कर
इन तारों का
होती गतिमान
नयनहीन उंगलियाँ
सुन कर यह धुन
सगुण
हो जाता है
निर्गुण.....
nahin bajati hun main
baja raha hai mujhe
yah sitaar
jud gayi hai
meri chetna se
yah jhankaar
jaise deepak ki
baati se
jagmag lou.........
sparsh kar
in taaron ka
hoti gatimaan
nayanheen ungaliyan
sun kar yah dhun
sagun
ho jata hai
nirgun...........
नहीं बजाती हूँ मैं
बजा रहा है मुझे
यह सितार
जुड़ गयी है
मेरी चेतना से
यह झंकार
जैसे दीपक की
बाती से
जगमग लौ..........
स्पर्श कर
इन तारों का
होती गतिमान
नयनहीन उंगलियाँ
सुन कर यह धुन
सगुण
हो जाता है
निर्गुण.....
nahin bajati hun main
baja raha hai mujhe
yah sitaar
jud gayi hai
meri chetna se
yah jhankaar
jaise deepak ki
baati se
jagmag lou.........
sparsh kar
in taaron ka
hoti gatimaan
nayanheen ungaliyan
sun kar yah dhun
sagun
ho jata hai
nirgun...........
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