जुनूँ है,
जुनूँ है
जुनूँ है…………..
मेरा चेहरा ना देख
उस पर पहरा ना देख
तू आईने को ना देख
मेरी नज़रों में देख !! ( जुनूँ है..)
गहरी साँसे ना देख
झूठी आसा ना देख
मेरा माजी ना देख
मेरी नज़रों में देख ! ! (जुनूँ है ...)
अदा-ए-साकी ना देख
छलकते सागर ना देख
रंग-ए-मय को ना देख
मेरी नज़रों में देख !! (जुनूँ है...)
ये सितारे ना देख
ये नज़ारे ना देख
तू शरारे ना देख
मेरी नज़रों में देख !! (जुनूं है....)
समंदर ना देख
तू कनारे ना देख
डूबने को तू देख
मेरी नज़रों में देख !! (जुनूं है...)
तू मुझ को ना देख
तू खुद को ना देख
खल्वत-जल्वत ना देख
मेरी नज़रों में देख !! (जूनूं है..)
हल्का-ए-तस्बीह ना देख
फंदा-ए-जुन्नर ना देख
शेखो बहमन ना देख
मेरी नज़रों में देख !! (जूनूं है ...)
(माजी= भूतकाल. खल्वत=एकांत. जल्वत=भीड़. हल्का= फांस, फंदा, परिधि. तस्बीह=जप-माला. जुन्नर=जनेऊ/यज्ञोपवित. शरारा=चिंगारी.)
Thursday, May 6, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment