Sunday, May 30, 2010

शमा और धागा...

शमा ने कहा
धागे !
देखो तुम से
कितना
प्यार
मैं करती हूँ
तुमको
आदि से अंत
स्वयं के
अंतर में
समाये
रखती हूँ…….
बोला धागा :
तभी
प्रिये !
प्यार में
तुम्हारे
मैं भी
तिल तिल
जलता हूँ……..

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