Sunday, May 30, 2010

आज़ाद है महक....

जुड़े हैं
मूल से
पत्ते भी
फूल भी
किन्तु
आज़ाद है
महक,
मर्यादाएं
उत्तरदायित्व
और
पालन स्वधर्म का
नहीं होते
बाधक
व्यक्ति की
स्वतंत्रता में.....

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