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चींटी
और
चिड़ियाँ
पहुँच जाते हैं
बखूबी
वापस
हर शाम
अपने अपने
बिल या
घोंसले को
बीताकर
झेलकर
दिन भर की
ज़द्दोज़हद...
कौनसे
निशान
और
पहचान है
ऐसे
जो नहीं
देते
भूलना
रास्ता
उनके
घरौंदों का...?
प्रेम !
ममता !
जागरूकता !
Monday, May 24, 2010
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