Sunday, June 6, 2010

कठपुतली

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तनक़ीद ने
किया
आग बबूला
तारीफों ने
जिसे
फुलाया,
कठपुतली है
इन्सां नहीं
भरोसा
खुद पर
जिसे
ना आया.

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