Tuesday, June 8, 2010

अपनी फ़ित्रत


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आइना
दिखायेगा
महज़
चेहरा तुम्हारा
तुझको,
जानना है

गर

फ़ित्रत
अपनी को
कुदरत
अपनी को,
निकाल ले
कुछ लम्हे
तन्हाई के,
झांकने को
खुद में...

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