(मधु संचय सीरीज-जून २०१० अंक)
# # #
सुझाव
सार्थक,
मूढमति को
कर सकते
नहीं कदापि
शांत,
करेंगे
तप्त उसको
प्रत्युत,
कराएँ
यदि
दुग्धानुपान
सर्प को
मित्रों !
होगा
विष
केवल
उत्पत...
सुझाव
सार्थक,
मूढमति को
कर सकते
नहीं कदापि
शांत,
करेंगे
तप्त उसको
प्रत्युत,
कराएँ
यदि
दुग्धानुपान
सर्प को
मित्रों !
होगा
विष
केवल
उत्पत...
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