Saturday, June 19, 2010

एक छोटी सी कविता

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जिन्दगी में
तुम आये,
जिन्दगी
मुस्कुरायी,
जिन्दगी
खिलखिलाई,
सपनो को भी
पंख लग गये,
दिल के अरमां
जिन्दा हो गये,
कलियों से
खिलकर
फूल होगये,
शूल भी
राहों में
बिछे
फूल होगये,
जिन्दगी में
सारे रंग
भर गये,
मरुस्थल सी
जिन्दगी
हरियाली का
चमन हो गयी,
सूखी नदिया
बहता
एक
झरना हो गयी...

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