Saturday, June 12, 2010

सम मोर नोट्स : (१) यात्रा (२) मिटटी और पानी

यात्रा
# # #
निरंतर
करने वाला
यात्रा
संसार की,
कर लेता है
भ्रमण
जाने अनजाने
देश-देशान्तरों का,
किन्तु
खो देता है,
कभी कभी
लक्ष्य
अपने
जीवन का....

मिटटी और पानी

# # #

खड़ी थी
उस दिन
उद्यान में
किनारे उस
क्यारी के,
देखा
बढ़ कर
आगे,
पानी
कर देता है
सूखी मिटटी को
गीला
महका
देता है
बदल कर
रंग उसका.



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