(मधु संचय का अंक मात्र आठ पृष्ठों का है, किन्तु उसमें अथाह मधु भरा है...सुबह सुबह देखा और मुख पृष्ठ पर ही स्वामी सत्यमित्रा नंदजी के प्रार्थना पर विचार बस दो पंक्तियों में दीये हुए हैं...मैंने कोशिश की है उन्हें एक नेनो में भर कर पेश करने की.)
# # #
है क्षण
खुद को
जगाने का
प्रार्थना..
भ्रमित
ना हो
जीवन
निरर्थक,
मार्गदर्शन का
प्रकाशस्तंभ है
प्रार्थना.....
हों विकसित
स्वयं में
अन्तः विश्लेषण
करने का
अवसर है
प्रार्थना....
(मधु संचय सीरिज-जून २०१०)
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है क्षण
खुद को
जगाने का
प्रार्थना..
भ्रमित
ना हो
जीवन
निरर्थक,
मार्गदर्शन का
प्रकाशस्तंभ है
प्रार्थना.....
हों विकसित
स्वयं में
अन्तः विश्लेषण
करने का
अवसर है
प्रार्थना....
(मधु संचय सीरिज-जून २०१०)
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