मशहूर सूफी हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज़ मुइंनुद्दीन चिश्ती के उर्स मुबारिक का मौका था। अजमेरशरीफ देशी-विदेशी सभी धर्म और जाति के लोगों की हाजिरी पा रहा था, जो पवित्र दरगाह में अकीदत और मुहब्बत के फूल पेश कर रहे थे. उस मौके पर थोड़ी चर्चा फकीरी की करने के लिए ये नेनोस लिखी थी....हालांकि यह बातें ख्वाजा साहब की ज़िन्दगी के मुअतल्लिक नहीं हैं, हाँ फकीरी गरीब नवाज़ का खास विषय रहा था.
सूखी रोटी
# # #
रतनों से
खाजे बने
बनी
गौहरों की
खीर !
सूखी रोटी की
चाह में
भूखा गया
फकीर !!
(गौहर=मोती)
रतनों से
खाजे बने
बनी
गौहरों की
खीर !
सूखी रोटी की
चाह में
भूखा गया
फकीर !!
(गौहर=मोती)
बातें करो संभाल
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मांग रहा है
भूजे चने
औढ़े
रेशमी
शाल !
खयाल करो
अल्लाह का
बातें करो
संभाल !!
मांग रहा है
भूजे चने
औढ़े
रेशमी
शाल !
खयाल करो
अल्लाह का
बातें करो
संभाल !!
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