Sunday, June 6, 2010

हमसफ़र...

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बनाया था
हमसफ़र
तिनके ने
प्रवाहमय
वेगवती
पवन को
सोच कर :
इस से
शानदार
साथी
मिलेगा कहाँ ?
गिरा था
तिनका
अगन की
लपटो में,
काश !
समझ पाता
पहले से ही
पवन के
स्वभाव को..........

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