Saturday, June 12, 2010
आग्रह और आत्मलघुता : ' ए नोट टू माईसेल्फ'
जीवन के कटु, मधुर,स्नेहिल,आश्चर्य मिश्रित अनुभवों से कुछ बातें तुरत मस्तिष्क में आती रही थी और कुछ बातें पढने के दौरान मन को छू गयी थी जिन्हें मैंने समय समय पर कुछ पन्नो पर लिख डाला था. उनमें से कुछ-एक को आप के साथ 'नोट्स टू माईसेल्फ' सीरीज में 'शेयर' कर रही हूँ.
आग्रह
# # #
साथ रहते हुए
स्नेह का
आकर्षण
और
स्वामित्व की
भावना
हो जाते हैं
उमड़ते
उफनते
समुद्र के
ज्वार के
सदर्श....
बढ़ता
जाता है
यह
लगाव
तूफानी
वेग से,
आपसी आदर
और
सम्मान
प्रतीत
होतें हैं
केवल
औपचारिकतायें
और--------
सर्वोपरि
होता है
समेट लेने का
आग्रह.
आत्मलघुता
# # #
आत्मलघुता* ( *Low self-esteem)
होती है
अति-दुखदायी.
हीन-भावना* (*Inferiority complex )
ग्रसित
व्यक्ति
करता है
अनुभव
यातना
एक
रमणीक,
संपन्न
और
मनमोहक
वातावरण
में भी.
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